eklavy par jhuth
आज बाल्मीकि रामायण और महाभारत के श्लोकों के माध्यम से वामपंथियों के इस झूठ की पोल खोली जाएगी कि शूद्रों को पढ़ाई करने का उनको राजा बनने का ऋषि बनने का अधिकार नहीं था बाल्मीकि रामायण सबसे पुराना है बालकांड का श्लोक नंबर 33 देखिए इसमें साफ साफ लिखा है कि निषाद जाति के राजा गुह थे जो भगवान राम के बाल सखा और मित्र थे इस श्लोक से ही साफ है की निषाद जाति राजा भी होती थी और वह क्षत्रियों के मित्र भी होते थे साथ-साथ पढ़ते हुए थे बालसखा भी थें यानी रामायण ही वामपंथियों की पोल खोल रहीं है अब हम महाभारत के उदाहरण पर आते हैं महा भारत की शुरुआत आदि पर्व से हुई है पहला श्लोक गणेश वंदना का है दूसरा तीसरा चौथा श्लोक देखिए इन चारों श्लोको में देखिए कि ऋषि उग्रसवा को साफ-साफ सूत्र पुत्र लिखा गया है उनकी शिक्षा-दीक्षा शौनक ऋषि ने की थी साथ में यह भी लिखा गया है कि सज्जनों ने उनकी पूजा की और उनको उचित आसन पर बिठाया फिर उन्होंने सभी ऋषि यों को वेदव्यास जी की लिखी हुई महाभारत की कहानी सुनाइ यानी महाभारत का पहला ही पेज वामपंथियों और मंडल कमीशन के इस झूठ क...