who give more tax sc or general

लेख लंबा है लेकिन हो सके तो पढ़िए जो कि जातिगत आरक्षण मागने वालों को अच्छे से आईना दिखायेगा जाती की आबादी के अनुसार आरक्षण मागने वालो सरकारी नौकर की सैलरी टैक्स के पैसे से दी जाती है ना कि बच्चे पैदा करने से इसलिए जिस कैटेगरी का जितना टैक्स हो भारी उसको दो आरक्षण में उतनी हिस्सेदारी भारत देश में लगभग 18 परसेंट टैक्स कारपोरेट देते हैं जो कि लगभग छह लाख करोड रूपया है यही कारपोरेट हर साल बैंकों को भारी मात्रा में ब्याज भी चुकाते हैं जिससे कि बैंक एससी एसटी को कम ब्याज पर लोन भी दे पाते हैं sc st कि 7 लाख करोड़ की योजनाएं इन्हीं लोगों द्वारा बैंकों में दिए गए ब्याज के कारण चल रही हूं अगर कारपोरेट की कैटेगोरी देखे तो ज्यादातर उद्योगपति जनरल कैटेगोरी के ही निकलेंगे इस तरह से यह टैक्स ज्यादातर जनरल जातियां ही दे रही है देश का लगभग 20 परसेंट आय इनकम टैक्स से आती है जिसमें सरकारी और प्राइवेट कर्मचारी दोनों आते है खुद मायावती वाले बोलते हैं कि ज्यादातर नौकरी प्राइवेट ...