Posts

Showing posts from March, 2021

who give more tax sc or general

Image
 लेख लंबा है लेकिन हो सके तो  पढ़िए  जो कि जातिगत आरक्षण मागने  वालों को  अच्छे से आईना दिखायेगा जाती की आबादी के अनुसार आरक्षण मागने वालो सरकारी नौकर की सैलरी   टैक्स  के पैसे से दी जाती है   ना कि बच्चे पैदा करने से इसलिए जिस कैटेगरी का जितना टैक्स हो  भारी उसको दो आरक्षण में उतनी हिस्सेदारी  भारत देश में लगभग 18 परसेंट टैक्स कारपोरेट देते हैं जो कि लगभग छह लाख करोड रूपया है यही कारपोरेट  हर साल बैंकों को भारी मात्रा में ब्याज भी चुकाते हैं जिससे कि बैंक  एससी एसटी को कम ब्याज पर लोन भी दे पाते हैं sc st कि  7 लाख करोड़ की योजनाएं इन्हीं लोगों  द्वारा बैंकों में दिए गए ब्याज के कारण चल रही हूं अगर कारपोरेट की कैटेगोरी  देखे तो ज्यादातर उद्योगपति जनरल   कैटेगोरी के ही निकलेंगे इस तरह से यह टैक्स ज्यादातर जनरल जातियां ही दे रही है  देश का लगभग 20 परसेंट आय इनकम  टैक्स से आती है जिसमें सरकारी और प्राइवेट कर्मचारी दोनों आते है  खुद मायावती वाले बोलते हैं कि ज्यादातर नौकरी प्राइवेट ...

who gives more tax general or sc st muslim

Image
 लेख लंबा है लेकिन हो सके तो  पढ़िए  जो कि जातिगत आरक्षण मागने  वालों को  अच्छे से आईना दिखायेगा जाती की आबादी के अनुसार आरक्षण मागने वालो सरकारी नौकर की सैलरी   टैक्स  के पैसे से दी जाती है   ना कि बच्चे पैदा करने से इसलिए जिस कैटेगरी का जितना टैक्स हो  भारी उसको दो आरक्षण में उतनी हिस्सेदारी  भारत देश में लगभग 18 परसेंट टैक्स कारपोरेट देते हैं जो कि लगभग छह लाख करोड रूपया है यही कारपोरेट  हर साल बैंकों को भारी मात्रा में ब्याज भी चुकाते हैं जिससे कि बैंक  एससी एसटी को कम ब्याज पर लोन भी दे पाते हैं sc st कि  7 लाख करोड़ की योजनाएं इन्हीं लोगों  द्वारा बैंकों में दिए गए ब्याज के कारण चल रही हूं अगर कारपोरेट की कैटेगोरी  देखे तो ज्यादातर उद्योगपति जनरल   कैटेगोरी के ही निकलेंगे इस तरह से यह टैक्स ज्यादातर जनरल जातियां ही दे रही है  देश का लगभग 20 परसेंट आय इनकम  टैक्स से आती है जिसमें सरकारी और प्राइवेट कर्मचारी दोनों आते है  खुद मायावती वाले बोलते हैं कि ज्यादातर नौकरी प्राइवेट ...

word bharat in ancient holy scriptures

 उत्तरं यत् समुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणम्। वर्षं तद्भारतं नाम भारती यत्र सन्ततिः॥ (ब्रह्मपुराण, अध्याय १९, श्लोक – ०१) जो समुद्र से उत्तर दिशा, एवं हिमालय से दक्षिण दिशा की ओर स्थित है, उस वर्ष का नाम भारतवर्ष है, जहां की प्रजा भारती(य) कहलाती है। अतः सम्प्राप्यते स्वर्गो मुक्तिमस्मात् प्रयाति वै। तिर्य्यत्वं नरकं चापि यान्त्यतः पुरुषा द्विजाः॥ इतः स्वर्गश्च मोक्षश्च मध्यं चान्ते च गच्छति। न खल्वन्यत्र मर्त्त्यानां कर्म्मभूमौ विधीयते॥ (ब्रह्मपुराण, अध्याय – १९, श्लोक – ०४-०५) इसी (भारत) से व्यक्ति स्वर्ग जाता है, यहीं के मोक्ष के लिए प्रस्थान करता है, पशु पक्षी आदि की योनि में भी यहीं से जाता है एवं इसे ही कर्मभूमि निर्धारित किया गया है, इसके अतिरिक्त कहीं अन्यत्र यह बात नहीं है। अत्रापि भारतं श्रेष्ठं जम्बूद्वीपे महामुने। यतो हि कर्म्मभूरेषा यतोऽन्या भोगभूमयः॥ अत्र जन्मसहस्राणां सहस्रैरपि सत्तम। कदाचिल्लभते जन्तुर्मानुष्यं पुण्यसंचयात्॥ (ब्रह्मपुराण, अध्याय – १९, श्लोक – २३-२४) इस पूरे जम्बूद्वीप में भारतवर्ष अत्यंत श्रेष्ठ है, क्योंकि यह कर्मभूमि है, जबकि अन्य सभी भोगभूमि हैं।...