source of this article भारत के सबसे प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ राम गोपाल मिश्रा जी ने अपनी किताब indian resistance to muslim invasion में इन सभी युद्ध का वर्णन किया है यह किताब अमेज़न पर और सब जगह उपलब्ध है आप गूगल सर्च करिए मिल जाएगी अगर बहन बेटियों की शादी से किसी का राज बच जाता तो पाकिस्तान अफगानिस्तान बांग्लादेश ईरान इराक सीरिया अफगानिस्तान तुर्किस्तान जैसे और 50 देशों के भी धर्म और राज बच गए होते क्योंकि जब क़ासिम ने राजा दाहिर को हराया तो उनकी बेटियों पर भी कब्जा किया राज भी छीन लिया यही हाल यही हाल अलाउद्दिन गजनवी सब ने किया आज अगर हम अभी भी हिन्दू है तो इसका कारण ये है राजपूतों की मुगलों मुस्लिम मुसलमानों पर जीत 636 सबसे पहला आक्रमण अरबोने समुद्र के रास्ते से मुंबई के नजदीक थाना में किया जिसमें उनकी बुरी तरीके से हार हुई 640 में खलीफा उमर ने समुद्र के रास्ते से सिंध पर विशाल सेना भेजी लेकिन उनके कमांडर mugraiah को सिंध के ब्राम्हण राजा ने मार डाला खलीफा उमर की भारत के अलावा कही भी हार नहीं हुई थी इस हार से पूरा मुस्लिम जगत सुन्न...
कॉपी पेस्ट अपने नाम से लिखने की पूरी आजादी है ब्राह्मणों के खिलाफ दुष्प्रचार होता है कि ब्राह्मणों ने ही हिंदू समाज को 3000 जातियों में बांट दिया बमसेफी कहते है कि दुनिया में कहीं भी जाती नहीं हैजबकि वास्तविकता इसके उलट है ब्राह्मणों ने कोई जाति नहीं बनाई है तथा दुनिया में बहुत सारी जगह पर भी अलग अलग जातियां पाई जाती है यहां तक कि जहां पर ब्राह्मनो का अस्तित्व ही नहीं वहां पर भी जातियां मिलती है इस विषय पर प्रमाण सहित आज चर्चा करते हैं जिससे वामपंथियों बामसेफियो जतिवादियो के झूठ का पर्दाफाश हो जाएगा लेख बहुत लंबा है फिर भी आप सब से निवेदन है कि इसे पढ़ कर अपने नाम से या मेरे नाम से शेयर करे आपको पूरी आजादी है पर सभी हिन्दुओ तक ये msg जरूर पहुचाये जिससे हिन्दू समाज मे फुट डालने वाले कामयाब न हो पाए पूरी दुनिया मे है जातियों का अस्तित्व ------ स्पेन में अफ्रीका में जापान में कोरिया में सब जगह जातियां कोरिया में यांग बांग ऊंची जाति है नोबी baekjeong बहुत ही नीची जाति ऐसी और सैकड...
28 AUGUST 1947 Shrimati Dakshayani Velayudan (Madras: General) Mr. President I find that for the Motion four Members have given their names and first comes the name of the Honourable Dr. B. R. Ambedkar. I am surprised to find that a Member who came in as result of a joint electorate came forward to move this amendment whereas a member who, was all the while standing, for separate electorates and for the so-called percentage is not to be seen in the House to-day. If there was any sincerity in moving this amendment we could have found the person who headed the list, and I do not know why another member took up that responsibility. There may be some reason behind the scene. ' The Mover of the amendment, Mr. Nagappa, said when they come to, the Assemblies as a result ,of joint electorates they may not be coming With the votes of the community and so they are not entitled to represent the community. If Mr. Nagappa thinks that he has come here as a result of such an election, the wises...
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