who made caste जातियाँ किसने बनाई
कॉपी पेस्ट अपने नाम से लिखने की पूरी आजादी है
ब्राह्मणों के खिलाफ दुष्प्रचार होता है कि ब्राह्मणों ने ही हिंदू समाज को 3000 जातियों में बांट दिया बमसेफी कहते है कि दुनिया में कहीं भी जाती नहीं हैजबकि वास्तविकता इसके उलट है ब्राह्मणों ने कोई जाति नहीं बनाई है तथा दुनिया में बहुत सारी जगह पर भी अलग अलग जातियां पाई जाती है यहां तक कि जहां पर ब्राह्मनो का अस्तित्व ही नहीं वहां पर भी जातियां मिलती है इस विषय पर प्रमाण सहित आज चर्चा करते हैं जिससे वामपंथियों बामसेफियो जतिवादियो के झूठ का पर्दाफाश हो जाएगा लेख बहुत लंबा है फिर भी आप सब से निवेदन है कि इसे पढ़ कर अपने नाम से या मेरे नाम से शेयर करे आपको पूरी आजादी है पर सभी हिन्दुओ तक ये msg जरूर पहुचाये जिससे हिन्दू समाज मे फुट डालने वाले कामयाब न हो पाए
पूरी दुनिया मे है जातियों का अस्तित्व ------
स्पेन में अफ्रीका में जापान में कोरिया में सब जगह जातियां कोरिया में यांग बांग ऊंची जाति है नोबी baekjeong बहुत ही नीची जाति ऐसी और सैकड़ों जाती हैं जापान में सिर्फ समुराई जाति को तलवार चलाने का अधिकार था टाची कूटाना बुरकमिन नामक जाती अगर तलवार चलाते तो उनको मृत्युदंड होता था बुरकमिन टाची के साथ तो बहुत भेदभाव होता थाअफ्रीका में फुगा मानगो gabbaro नीची जाति बोरनोओ ऊची जाती थी नार्थ अफ्रीका में गाब ऊची जाती साब ऊची जाती होटी है
वेस्ट अफ्रीका में phalani रेस में griot जाती जिसमे दूसरी जाति शादी नही करती यूरोप के स्पेन के criolo zanos espanolg parapo आदि जातीया है
आदिवासियों में भी होती है जातियां------
आदिवासियों का संपर्क कभी ब्राह्मणों से नही हुआ वो जंगल में रहते हैं लेकिन उसमें भी मुंडा करिया उरांव जैसी सैकड़ों जातियां बन गई जिन जातियों का पंडितों से संपर्क ही नहीं रहा पूजा-पाठ तो उन्हीं की जाति का कोई एक आदमी करता है सबके अलग अलग देवता होते है और उन्ही के समाज का पुजारी होता है आदिवासियों में हजारो जातियां का बनना साबित करता है कि जातियां अपने आप बनी न कि कोई ब्राह्मण बनाया
पूरी दुनिया में मौजूद है ऊंच नीच;-----
आज भी पूरी दुनिया मे हर समाज में उच् नीच मौजूद है
दुनिया की किसी भी आर्मी में पुलिस में ऑफीसर का अलग ही मेस होता है उसमें सिर्फ ऑफीसर ही खा सकते हैं कोई सिपाही आर्मी के अफसर मेसमें कुर्सी पर बैठ ही नहीं सकता है खाना खानातो बहुत दूर की बात यही हाल आईएस आईपीएस या बड़े सरकारी अधिकारियों में हैवह सिर्फ अपनी ही पार्टी करते सिर्फ अपने बराबर के लोगों को ही बैठने के लिए कुर्सी देते हैं दुसरो को खड़ा रखते है सिर्फ अपने रैंक के साथ खाते हैं चपरासी से पानी तक मंगाकर पीते है सामान्यतः वो चपरासी के साथ क्लर्क के साथ नही खाते न उनको अपने आफिस में कुर्सी पर बैठने देते है दुनिया जब तक रहेगी तब तक ऊंच नीचे का भेदभाव हरदम रहेगा यह कभी भी नहीं खत्म हो सकता सभी आदमी कभी भी बराबर नहीं हो सकते हैं
दुनिया मे थी जाती प्रथा से भी खतरनाक गुलाम प्रथा ---- बहुत से देशो में गुलाम प्रथा पाई जाती थी गुलामों को तो बिल्कुल कोई अधिकार ही नहीं होता था उनको संपत्ति का अधिकार नहीं होता था यहां तक कि उनकी पत्नियां तक उनके मालिक की होती थी हम इस मामले में बहुत भाग्यशाली हैं कि हमारे देश में ऐसी गंदी प्रथा कभी नहीं रहे
अब मूल प्रश्न पर की जातियां किसने बनाई क्या मनु महाराज ने बनाई या खुद बन गई वास्तबिकता तो ये है कि मनु महाराज ने कोई जाति नहीं बनाई थी उन्होंने तो चार वर्ण बनाए थे उन्होंने इतनी सूझ बूझ से बनाया था कि अभी भी दुनिया में सभी जगह यह चारों बर्ण मौजूद है लड़ाई करने वाला क्षत्री ज्ञान प्राप्त करने वाला ब्राह्मण व्यापार करने वाला बैश्य सर्विस सेक्टर में काम करने वाला शूद्र पूरी दुनिया मे यही चार ही बर्ण ही अभी भी मौजूद है लेकिन सब जगह इनके नाम अलग है पर जब तक दुनिया चलेगी तब तक ये बर्ण मौजूद रहेंगे जो लोग कहते हैं ब्राह्मणों ने जाति बनाई पहले तो मनु महाराज ने सिर्फ वर्ण बनाए थे जाती नहीं और ऊपर से मनु महाराज क्षत्रिय थे ना कि ब्राह्मण तो ब्राह्मणों के खिलाफ यह दुष्प्रचार वैसे ही खत्म हो जाता है मनु महाराज ने वर्ण कर्म के अनुसार बनाए हैं ना कि जन्म के अनुसार मनु महाराज ने बहुत स्पष्ट लिखा थाजन्मना जायते शूद्रः
संस्कारात् भवेत् द्विजः |
वेद-पाठात् भवेत् विप्रः
ब्रह्म जानातीति ब्राह्मणः अर्थात जन्म से सभी शूद्र होते हैं और अपने कर्म से ब्राह्मण बनते हैं चुकी अपना धर्म बहुत बहुत पुराना है तो हजारो साल बाद जो ब्यवस्था कर्म से थी वो जन्म से हो गई धीरे धीरे बर्ण कर्म आधारित न होकर जन्म आधारित हो गया क्षत्रिय का बेटा क्षत्रिय बैश्य का बैश्य हो गया
अब फिर ये मूल प्रश्न आता है कि जब मनु महाराज ने चार बर्ण बनाये वो भी कर्म से तो 3000 जातियां कैसे बन गई इस के तीन प्रमुख कारण हैं 1-लोगों ने अपने नाम के आगे अपने गांव का नाम लगाना शुरू किया और तीन चार सौ साल बाद गांव का नाम ही जाति बन गया जैसे सिसोदिया बेम्बी या धीमी
2- लोगों ने अपने किसी एक महान पूर्वज के नाम को अपने नाम के आगे लगाना शुरू किया धीरे-धीरे वही नाम ही सर name बना फिर जाती बन गई जैसे मौर्य गुप्त फुकन जैसे मैक्समूलर का बेटे नाती अब सब अपने नाम के आगे मैक्समूलर लिखते है धीरे धीरे ये सरनेम और हजारो साल बाद जाती बन जाएगी
इलाहाबाद में एक पासी समाज के मंत्री है जिनकी चार पीढ़ियों से सन्त लिखा जा रहा है सौ पीढ़ी बाद ये सीधे जाती है बन जाएगी
3-जो जिसका पेशा था उसके नाम के अनुसार दो तीन सौ साल बाद उसकी जाति ही बन गई जैसे तेल पेरने वाला तेली लोहा बनाने वाला लोहार
बैस्य बर्ण से बनी सैकड़ो जातियां---
जातिवादी बीपी मण्डल ने जिन जातियों को सिर्फ राजनीति करके हिन्दू धर्म मे फुट डालने के लिए मण्डल कमिसन बनाकर अति पिछड़ा घोषित किया वो ज्यादातर बैस्य वर्ण से जन्मी है जैसे नाई कुम्हार लोहार तेली मुसहर दर्जी आदि इनके पेशा बाल काटना तेल पेरणा कुदाल बनाना बर्तन बनाना आदि है ये अपना खुद का ब्यवसाय करती थी अलग अलग ब्यवसाय करने से कालांतर में बर्ण की जगह सीधे ब्यवसाय के अनुसार अलग जाती ही बन गई जैसे तेल पेरने वाले तेली लोहा गलाने वाले लुहार ऐसे कुम्हार कोहार धानुक मुसहर नाई दर्जी सैकड़ो जातियां बन गई इन जातियों से गांवो में कभी अछूत का ब्यवहार नही हुआ बल्कि सभी जातियों से ये ब्यवसाय करते थे इनका पेशा ही इनका रोजगार था यही साबित करता है कि ये जातियां बैश्य बर्ण से बनी
क्षत्रिय वर्ण में बनी बहुत सी जातीया ---
इस बर्ण से भी अपने आप सैकड़ो जातियां बन गई इसका कारण भी ये है की कुछ जातियां अपने कुल के प्रतापी राजाओ के कारण अपने को अलग समझने लगे और उनके नाम पर अलग अलग जाती बन गई राज करने वाले तलवार चलाने वाले क्षत्रिय कहलाये भगवान राम से जिन जातियों की बंशावली ज्यादा करीब से मिलती है वो आज के ठाकुर कहलाते है इसके अलावा जाट लोध पासी गुर्जर मौर्य जैसी अनेक क्षत्रिय जातियां बन गई जिनके पूर्वजो ने कभी भारत पर राज्य किया मौर्य वंश गुर्जर प्रतिहार यदुबंशी ये सब क्षत्रिय बर्ण से ही बनी जातियां है ठाकुर के अलावा दूसरी ताकतवर क्षत्रिय वर्ण से जाट जाति बन गई जो अपने पूर्वजो के नाम लिखकर अलग जाती बन गए राजा पोरस सूरजमल रणजीत सिंह जैसे महान राजाओ की जाती जाट बन गई पर दुर्भाग्य है कि जातिवाड़ी बीपी मण्डल ने इन उच्चकुल की क्षत्रिय जातियों को सिर्फ हिन्दू धर्म मे फुट डालने और राजनीतिक लाभ लेने के लिए पिछड़ा घोषित कर दिया जिससे कि पिछडो की संख्या ज्यादा हो और वोट की फसल कटे
कैसे बनी जातियों में भी उपजातियां ---
धीरे धीरे ब्राह्मण उपजातियों में बटे जैसे पांडे तिवारी दुबे चौबे और कुछ ब्राह्मण अपने को वशिष्ट का बंशज कहकर दूसरे ब्राह्मणों से श्रेष्ठ समझने लगे आप को जानकर आश्चर्य होगा कि आज के बीस साल पहले पांडे चौबे के यहां लड़की की शादी नही करते थे
और जातियों में भी बनी उपजातियां---
जब एक बार जाति बन गई तो उसमें भी सैकड़ो उप जाति भी बन गई इसके पीछे भी किसी महान पूर्वज या गांव का नाम है जैसे विशेन रजवार चैहान हाडा सिसौदिया ठाकुरो की जातीया जो सैकड़ो साल बाद गांव या पूर्वज के नाम पर उपजातियों में बटी जो एक दूसरे को नीचा समझने लगी चौहान ठाकुर रजवार में लड़की की शादी करना बंद कर दिए उन्हें नीचा समझने लगे यही हाल और भी सभी जातियों में रहा जो उपजातियों में बट गई
दोस्तो हिन्दू धर्म को बदनाम करने वालों तक तो ये msg जरूर पहुचाये
Very nice word by word true
ReplyDeleteVerry nice
ReplyDeleteबहुत ही सही, सटीक जानकारी दी है। साधुवाद🙏🚩
ReplyDeleteसनातन को योजना बद्ध तरीक़े से बर्बाद करने का जो अंतरराष्ट्रीय षणयंत्र सदियों से चला आरहा है, उस भ्रमजाल को तोडने के लिए इसी प्रकार के तथ्य और तर्क पूर्ण लेखों की महती आवश्यकता है।
ReplyDeleteहृदय से साधूवाद।