fraud report mandal commission
About B P Mandal
पूरे देश के भाग्य निर्धारण के लिए एक कमेटी का गठन किया गया जिसका काम पिछड़े वर्ग की पहचान करके उनको नौकरियों में आरक्षण की सिफारिश करना था तो स्वाभाविक है कि इतनी बड़ी कमेटी में किसी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड या कार्यरत जज को नियुक्त करना था लेकिन इस कमेटी में एक राजनेता जो कि उस समय सांसद थे जिनका पहले से ही विचार फिक्स था कि पिछड़ी जातियों को आरक्षण देना जरूरी है जो पहले से ही अपने कई सभाओं में बोल चुके थे कि पिछड़ी जातियों का सवर्ण जातियों द्वारा उत्पीड़न होता है ऐसे बीपी मंडल जो वास्तव में जाति से यादव थे को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया जो कि एक सांसद और पूर्ण रूप से राजनेता थे
किसी फिक्स विचारधारा के राजनेता को अगर किसी इतनी बड़ी कमेटी का अध्यक्ष बनाया जाएगा तो वह अपने आप ही कोई निष्पक्ष में रहना निकाल कर अपने राजनीतिक फायदे के लिए निष्कर्ष निकालेगा वही काम बीपी मंडल ने किया
आयोग की रिपोर्ट में देखिए किस तरीके से बीपी मंडल जी ने किस्से कहानियों के आधार पर एकलव्य और शम्बूक की झूठी कहानी सुनाकर जहर उगला है एक संवैधानिक रिपोर्ट जिसका काम पिछड़े वर्ग की पहचान और स्थितियों का अवलोकन करना है उसमें एक राजनेता ने झूठ मूठ की कहानियां रिपोर्ट में लिखकर किस तरीके से जहर उगला सिर्फ इसी आधार पर यह रिपोर्ट इस आधुनिक युग में खारिज कर देनी चाहिए थी
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