valmiki ramayan bhagwan ram awtar of vishnu
बालकांड 17 सर्ग श्लोक 1
पुत्रत्वम तू गते विष्णु राज्यस्तस्य महात्मन
उवाच देवता सर्वा स्वयमम भूरि गवांनीदम
यानी कि ब्रह्मा जी ने महात्मा दशरथ के घर जब भगवान विष्णु को पुत्र रत्न के रूप में जन्म लेते हुए देखा तो सभी देवताओं से कहा
सत्य संघषय वीरस्य सर्वेपम नो हैतिशीनो
विष्णो सहयवलिनो श्रीजन्ध्व काम रूपिन
पूरा श्लोक जो स्क्रीनशॉट में दिया है पढ़िए भगवान ब्रह्मा खुद ही देवताओं को आदेश दे रहे हैं भगवान विष्णु राजा दशरथ के घर अवतार ले रहे हैं और आप लोग भी वानर भालू का रूप लेकर जाइए
इन श्लोको में बहुत साफ साफ है कि सभी देवताओं ने खुशी-खुशी दूसरे रूप धरे
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