vir sawarkar वीर सावरकर
🎺वीर सावरकर के बारे में कुछ अनजाने सच
🎺 वीर सावरकर हिंदू धर्म मैं जाति उन्मूलन के पक्ष में थे वह उस समय देश के एकमात्र ऐसे नेता थे जो हिंदू धर्म की जातियों को खत्म करना चाहते थे
🎺 जितने भी क्रांतिकारियों को सावरकर के साथ काला पानी हुआ था उन सबने सावरकर जैसे ही पेटिशन डाली थी पर अंग्रेजो ने उसमें सबसे बाद मे रिहाई वीर सावरकर की किया वो 14 साल कठोर काला पानी की सजा काटे
🎺 रिहाई किये हुए बंदियों में सिर्फ वीर सावरकर ही ऐसे थे जिनकी रिहाई के बाद भी उनको 13 साल तक नजर बन्द रखा गया
🎺एक और महत्वपूर्ण बात है कि सभी राजनीतिक बंदियों को खरचे के लिए ₹100 की पेंशन दी गई थी लेकिन वीर सावरकर को सिर्फ ₹60 दिया गया और बाद में सिर्फ सावरकर की पेंशन बंद की गई हो और सबकी चालू रही
🎺एक और महत्वपूर्ण तथ्य है कि इसी तरीके की पिटिशन अंग्रेजी जेल से रिहाई करने के लिए गांधी और नेहरू भी डालते थे
🎺इसी तरीके की पिटिशन खुद अशफाक उल्ला खान ने भी अपनी रिहाई की डाली थी
🎺 चन्द्र शेखर आजाद विस्मिल भगत सिंह सबने वीर सावरकर को अपना
प्रेरणा स्रोत बताया है
Nilam Singh जी
साल 1923 में नाभा रियासत में गैर कानूनी ढंग से प्रवेश करने पर औपनिवेशिक शासन ने जवाहरलाल नेहरू को 2 साल की सजा सुनाई गई थी. तब नेहरू ने भी कभी भी नाभा रियासत में प्रवेश न करने का माफीनामा देकर दो हफ्ते में ही अपनी सजा माफ करवा ली थी.
अंग्रेजों ने एक बार नेहरू को असली जेल में बंद किया था यानी पंजाब की नाभा जेल में
मात्र 12 दिनों में नेहरू को जेल में इतनी तकलीफ महसूस होने लगी कि उन्होंने अपने पिताजी के बीमारी का हवाला देकर अंग्रेजों से रिहाई का प्रार्थना किया फिर अंग्रेजों ने उनसे कहा कि पहले आप हमें माफीनामा दीजिए कि आप भविष्य में है दोबारा अंग्रेजी सरकार के विरुद्ध कोई काम नहीं करेंगे तब हम आपको रिहा करेंगे
उसके बाद नेहरू ने दो पन्ने का माफीनामा अंग्रेजों को दिया था
और यह कांग्रेसी कुत्व
रकर पर चिल्लाते हैं।
जितेंद्र जी।
असफाक उल्ला ने भी अंग्रेजो से माफी मांगी थी
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