khatiya aur shoshan

 




कुछ लोगों का कहना है कि उनको ब्राह्मणों ने  अपने साथ खटिया पर नहीं बैठने दिया उनके अनुसार दुनिया का सबसे बड़ा शोषण यही है भाईयो ठाकुर भी पहले ब्राह्मण के साथ खटिया पर नहीं बैठते थे  70 सालके ठाकुर 10 साल के ब्राह्मण को पायलगी करते थे 

लेकिन क्या किसी ठाकुर को रोते देखा है कि ब्राह्मणों ने उनका शोषण कर लिया

जब कोई बुजुर्ग ठाकुर किसी ब्राह्मण मित्र के घर जाता था और ब्राह्मण लड़का  बड़ा समझकर पैर छूने आता था तो वो पाप लग जाएगा कह कर रोक देते तो क्या इससे ठाकुरों का शोषण हो गया

ठाकुरों के घर भोज में ब्राह्मण अपना खाना बनाकर खाते थे ठाकुरों का बनाया नहीं खाते थे तो क्या इससे ठाकुर छोटे और नीच हो गए ??बल्कि ठाकुरों ने सदैव उन ब्राह्मणों का सम्मान किया है जिन्होंने खुद अपना खाना बनाकर शुद्ध भोजन किया है उनको अच्छा ब्राह्मण नहीं माना जिन्होंने अपना खाना नहीं बनाया और आकर खा लिए

खटिया पर ना बैठने देना भी कोई शोषण होता है?? अब देखो ब्राह्मणों ने अपने लिए क्या किया अपने लिए  धन इकट्ठा करना वर्जित कर दिया जिन ब्राह्मणों ने धान इकट्ठा किया उनको ब्राह्मण माना ही नहीं गया उनको अशुद्ध बोला गया

इसलिए सुदामा सहित 5000 साल से जब भी किसी ब्राह्मण की कहानी सुनने को  मिलती है ब्राह्मण सदैव गरीब याचक और निरीह रहा तो क्या ब्राह्मणों का गरीब याचक होना तुम्हारा शोषण हो गया??

 आपके लिए उन्होंने मांस मछली मुर्गा सभी स्वादिष्ट चीजें वैध लेकिन अपने लिए उन्होंने सब कुछ छोड़ दिया नियम विचार आचार से रहे क्या आप सोचते हो कि पहले के ब्राह्मण इंसान नहीं थे अगर आप का मीट मुर्गा दारू का खाने का मन करता था तो उनका नहीं करता रहा होगा लेकिन उन्होंने अपने लिए त्याज्य किया स्वाद का  बलिदान दिया

उन्होंने अपने लिए भिक्षाटन का नियम सिर्फ इसलिए बनाया कि जिससे वह धन संग्रह ना कर सके अपने लिए कष्ट सहने वाला जमीन पर लेटने वाला नियम बनाया ब्रह्मचारी रहने का नियम बनाया 

पर उन्होंने  तुम्हारे लिए सारे संसार का  सुख भोगने का नियम बनाया

इस हिसाब से देखोगे तो सबसे ज्यादा शोषण ब्राह्मणों का ही हुआ इसीलिए क्षत्रिय  सहित तुम्हारे पूर्वज  उनकी इतनी कद्र करते थे और को इतना सम्मान देते थे 

जिसको तुम  आज अपने निजी स्वार्थ में शोषण कह रहे हो वह कोई शोषण नहीं बल्कि उनके आचार विचार और नियम और संयम  का सम्मान था  जो ठाकुर सहित तुम्हारे पूर्वज भी करते थे

 भारत देश अपने धन धान्य के कारण पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा अमीर था सोने की चिड़िया था जिसके कारण पूरी दुनिया के बर्बर लुटेरे आते रहते थे क्षत्रियों ने उनसे युद् किये वो जवानी में वीरगति प्राप्त कर जाते थे औरतें विधवा हो जाती थी माताओं की गोद सूनी हो जाती थी बच्चे अनाथ हो जाते थे इसको कहते हैं असली  शोषण हो जाना जो 

क्षत्रियों का हुआ लेकिन तुम्हारा व्यवसाय तो चलता रहा यादव दूध बेचते रहे कुर्मी खेती करता रहा दर्जी कपड़े,  बढ़ई फर्नीचर बनाता रहा मूर्तिकार मूर्ति ,

सुनार गहने बनाता रहा तेली तेल का व्यवसाय करता रहा तुम पर क्या फर्क पड़ा तुम्हारा कौन सा शोषण हुआ तुम्हारा शोषण सिर्फ एक खटिया ने कर दिया? गजबे?? 

कब तक अपने निजी स्वार्थ में खटिया का शोषण का रोना रोते रहोगे जिस पर तुम्हारे अनुसार तुम ठाकुर ब्राह्मण के साथ बैठ नहीं पाए इसको ही तुम संसार का सबसे बड़ा शोषण बतला रहे हो

पर  असली शोषण वह होता है जिसको रोजगार ना मिले जिसके बेटों की हत्या हो जाए औरतो को जौहर करना पड़ जाए पर तुमने तो अपने पैतृक रोजगार कर  पीढ़ी दर पीढ़ी मजे  किया

फिर किस बात का शोषण?

इसलिए बहाने छोड़ो तुम्हारे ही पूर्वजों के मजे करने के कारण रोजगार करने के कारण हम दुनिया में सबसे आगे थे दुनिया की 35% इकोनॉमी में हमारा हिस्सा था 

तो अब ये  फर्जी शोषण का रोना बन्द करो बहुत हो गया ये 

घिन आती है अब इस झूठ से

Comments

Popular posts from this blog

rajput victory on mugal राजपूतो की मुस्लिमो पर जीत 1

who made caste जातियाँ किसने बनाई

a dalit lady Shrimati Dakshayani Velayudan ( who opposed ambedkars separate electorate demand and termed is antinational like muslim leage